भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट, सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट

भारतीय शेयर बाजारों में सोमवार को ग्लोबल क्यूज़ के कारण बड़ी गिरावट देखने को मिली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 2394 अंक गिरकर 78588 के स्तर पर खुला, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 415 अंक गिरकर 24303 के स्तर पर खुला। यह गिरावट शुक्रवार की अच्छी खासी चाल के बावजूद आई, जिससे बाजार के ओवरऑल ट्रेंड में बदलाव की संभावना बढ़ गई है।

ग्लोबल क्यूज़ का असर

ग्लोबल मार्केट्स में कमजोरी का असर भारतीय बाजारों पर साफ दिखाई दिया। अमेरिकी बाजारों में गिरावट, यूरोपीय बाजारों में धीमी चाल और एशियाई बाजारों में बिकवाली का प्रभाव भारतीय बाजारों पर पड़ा है। इसके साथ ही निवेशकों की चिंता का मुख्य कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिरता है, जो महामारी के बाद धीरे-धीरे सुधार की ओर बढ़ रही है।

ओवरऑल ट्रेंड और मार्केट स्ट्रक्चर

शुक्रवार को बाजार में अच्छी चाल के बावजूद सोमवार की भारी गिरावट ने बाजार के स्ट्रक्चर में बदलाव ला दिया है। हालांकि, पिछले कुछ हफ्तों से बाजार में बाय ऑन डिप्स का ट्रेंड बना हुआ था, लेकिन आज की गिरावट ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बड़ी गिरावट में मार्केट को स्थिर होने देना चाहिए और उसके बाद ही किसी फ्रेश बाइंग का प्लान बनाना चाहिए।

अर्निंग सीज़न और स्टॉक स्पेसिफिक एक्शन

मार्केट में अर्निंग सीज़न चल रहा है, जिसके कारण स्टॉक स्पेसिफिक एक्शन देखने को मिल रहा है। निवेशकों की निगाह सेक्टर वाइस भी बनी हुई है। निफ्टी 50 पैक में केवल दो स्टॉक एशियन पेंट्स और अपोलो हॉस्पिटल्स ही ग्रीन में खुले, जबकि बाकी सभी स्टॉक में बड़ी गैप डाउन ओपनिंग हुई। इस गिरावट में ऑटो सेक्टर पर सबसे ज्यादा दबाव देखने को मिला है।

ऑटो सेक्टर पर दबाव

शुरुआती कारोबार में ऑटो सेक्टर पर भारी दबाव दिखा। मारुति सुजुकी और टाटा मोटर्स में चार-चार प्रतिशत की गिरावट देखी गई। इसके अलावा, हिंडाल्को, टाटा स्टील, और टाइटन कंपनी निफ्टी 50 के अन्य टॉप लूज़र्स में शामिल रहे। इन स्टॉक्स में भारी बिकवाली देखने को मिली, जिससे पूरे मार्केट पर नेगेटिव प्रभाव पड़ा।

विशेषज्ञों की राय

इस बड़ी गिरावट के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए। उन्हें मार्केट को स्थिर होने देना चाहिए और फिर बाजार की स्थिति का विश्लेषण करके ही फ्रेश बाइंग का प्लान बनाना चाहिए। इस समय बाजार में वोलाटिलिटी काफी ज्यादा है, जिससे निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए।

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